चौपाल चर्चा: कुलपतियों के खिलाफ याचिका, महिला कुलपति और महिला सम्मान…और भाटिया का क्रिकेट कनेक्शन।

राहुल गोस्वामी
चौपाल चर्चा, 01 अप्रैल 2023.
फर्जी सर्टिफिकेट वालो पर कार्यवाही कब ?
जशपुर कलेक्टर ने फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे 13 वर्षो से शिक्षक की नौकरी कर रहे युवक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। बताया गया कि युवक मध्यप्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से बना बीएड का फर्जी सर्टिफिकेट को आधार बना नौकरी पाया था, जाँच के बाद कलेक्टर ने सीधे बर्खास्त कर दिया। फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी वालो की संख्या प्रदेश में हजारो है जो जाली सर्टिफिकेट के सहारे वर्षो से योग्य अभ्यर्थियों का हक़ मारकर महत्वपूर्ण कुर्सियों में जमे है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय में लिपिक, स्टेनोग्राफर और रीडर पद में पदस्थ कर्मियों ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र और शैक्षणिक योग्यता के सहारे आधी से ज्यादा नौकरी पूरा कर लिया है
कुलपतियों के खिलाफ याचिका-
कुलपतियों के खिलाफ याचिका लगने लगी है। बीते 15 दिनों में दो विश्वविद्यालयो के कुलपतियों की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। इन सबके पीछे की बड़ी वजह राजभवन का मनमानीपूर्वक कुलपतियों की नियुक्ति और कर्मियों का अड़ियल रवैया है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ वही के रीडर ने याचिका दाखिल कर कहा कि कुलपति निर्धारित योग्यता को पूरा नहीं करते फिर भी उन्हें कुलपति बनाया गया। श्री शर्मा चार वर्षो से कुलपति है, याचिका के पीछे की कहानी दबदबा और वेतन रुकना है। दरअसल कुलपति ने कुछ दिनों पूर्व सभी कर्मियों के आवाजाही का समय निर्धारित कर रजिस्ट्रर में एंट्री अनिवार्य कर दिया था, कुछ पुराने मठाधीश किस्म के कर्मियों को आदेश नागवार गुजरा और दस्तखत तो छोडो आवाजाही का समय भी नहीं बदला। ऐसे में कुलपति ने तीन महीने का वेतन रोक दिया तो नाराज कर्मी ने अनुशासन का पालन करने की बजाये कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वही राजधानी के रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के नए कुलपति की नियुक्ति को शिक्षाविदों ने कोर्ट में चुनौती दी है, उसमे भी अनेक कारण बताये है। आगामी दिनों में उद्यानिकी और कृषि विश्वविद्यालय के कुलपतियों के खिलाफ भी कोर्ट जाने की खबरे सामने आये तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

ईडी की छापेमारी से हड़कंप: भिलाई में ट्रांसपोर्ट कारोबारी के घर छापा, अधिकारियो के गिरफ्तारी की फैली अफवाह

आखिर क्या कर रही ईडी ?
प्रदेश में बीते सात महीनो से ईडी छापेमारी कर जाँच पड़ताल कर रही। अफसरों सहित आधा दर्जन लोग जेल में बंद है और अभी भी छापेमारी जारी है। ईडी की कार्यवाही से बुधवार गुरुवार को जिस तरह माहौल बना, उसके बाद अनेको की तरह की चर्चाये नुक्कड़ में हो रही है। कांग्रेस नेता सीधे तौर पर ईडी अफसरों द्वारा परेशान करने और बदनाम करने का आरोप लगा रहे है। उधर ईडी ऐसे आरोपों पर चुप्पी साधे हुए है, तो क्या ईडी सही में जाँच पड़ताल कर रही या कांग्रेस नेताओ के आरोप सही है ?
महिला कुलपति और महिला सम्मान-
दुर्ग संभाग के एक विश्वविद्यालय में महिला सहायक प्राध्यापक ने सहकर्मी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। पीड़िता ने कुलपति से शिकायत कर न्याय की मांग की। अब जहा एक महिला ही कुलपति हो तो और महिलाओ की सम्मान की बात हो वही महिला सहायक प्राध्यापक को न्याय नहीं मिला। बताया गया कि जिस पर आरोप थे वह कुलपति का राजदार था, ऐसे ने शांतिपूर्ण तरीके से मामला सुलझाया गया और पीड़िता ने शिकायत वापस ले लिया।
भाटिया का क्रिकेट कनेक्शन-
शराब कारोबारी पप्पू भाटिया के घर और कार्यालय में ईडी ने छापेमारी की। भाटिया रसूखदार कारोबारी है, जिसके संबंध सत्ता के इर्दगिर्द बताये जाते है। वे क्रिकेट संघ में पदाधिकारी भी है, और उनके बीसीसीआई के सचिव जय शाह से नजदीकियां भी बताई जाती है। लोग संभावना जता रहे कि जय शाह और पप्पू भाटिया की बातचीत भी होती होगी, और ऐसे मुसीबत के वक्त तो जरूर हुई होगी।
मंत्री के घर से हटेगा शराब दुकान ?
समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेडिया के नाम पर रजिस्टर्ड दुकान में संचालित हो रही शराब दुकान अब स्थानान्तरित हो सकती है। डौंडीलोहारा स्थित जिस दुकान में आबकारी विभाग द्वारा शराब दुकान का सञ्चालन हो रहा है, वह जगह मंत्री के नाम पर रजिस्टर्ड है। विभाग ने इसके लिए बाकायदा किरायानामा सहित अन्य फार्मेल्टी की गई थी। सुनते है कि स्वतंत्र बोल द्वारा मुद्दा उठाने के बाद सीएम ने नाराजगी जताया है, जिसके बाद अब दुकान के लिए दूसरी जगह ढूंढी जा रही है।
आईएएस और आईपीएस अफसरो के तबादले
आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले होने वाले है। बजट सत्र के बाद कभी भी आदेश जारी होने की चर्चा थी पर फिलहाल कुछ दिनों का विराम है। बिलासपुर के कलेक्टर और रायपुर के एसपी सहित दर्जन भर जिलों में कलेक्टर और एसपी बदले जायेंगे। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से सीनियर आईपीएस डीएम अवस्थी रिटायर हो गए, तो वहा भी नियुक्ति होगी।
आईएएस की गिरफ्तारी ?
कोरबा और रायगढ़ कलेक्टर रहते एक आईएएस अफसर ईडी की राडार पर थी। ईडी ने दर्जनों बार उससे पूछताछ की, जिसके चलते रायगढ़ जिला मुख्यालय महीनो तक कलेक्टर विहीन रहा। आईएएस अफसर का नाम ईडी द्वारा प्रस्तुत के चालान में भी है और उनके द्वारा जमीन खरीदी के दस्तावेज जाँच एजेंसी के पास मौजूद है। उसके बाद भी आईएएस की गिरफ्तारी नहीं हुई, अब इसके कारण ढूंढे जा रहे है।

 

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