रायपुर 20 अक्टूबर 2022. महिला बाल विकास विभाग में एक संयुक्त संचालक को पदावनत कर उपसंचालक बना दिया गया है। जिसके बाद विभाग में उपसंचालको की संख्या स्वीकृत पदों से ज्यादा हो गई है।
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जानकारी अनुसार लंबे समय से प्रतिनियुक्ति पर रहे राजेश सिंगी के विभाग में वापस लौटने से संयुक्त संचालक बने सुरेंद्र चौबे को पदावनत कर वापस उपसंचालक बनना पड़ा है।बताते है कि सुरेंद्र चौबे के पदोन्नति आदेश स्पष्ट था संयुक्त संचालक सिंगी के मुख्यालय लौटने पर सुरेंद्र चौबे को उपसंचालक पद पर पदावनत किया जायेगा। सिंगी की विभाग में वापसी के बाद बीते दिनों विशेष सचिव ने चौबे को पदावनत करने का आदेश जारी किया है। चौबे के पदावनत होते ही उपसंचालक पदावनत होते ही मुख्यालय में उपसंचलाको की संख्या बढ़ गई है। जिसे लेकर अब विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।

दरअसल विभाग में उपसंचालक का कुल 35 पद स्वीकृत है जिसमे हाल ही के कुछ महीनो में सोमेंद्र नाथ पाल, अवनि बिस्वाल और सुनील शर्मा को सहायक संचालक से उपसंचालक पदोन्नत किया गया था। वरिष्ठता सूची में सोमेंद्र नाथ पाल का दसवां, अवनि बिस्वाल का 11 वां और सुनील शर्मा का नाम बारहवें नंबर पर था। पदोन्नति के दौरान उपसंचालक सुरेंद्र चौबे के लिए पद रिक्त नहीं रखा गया, जिसका परिणाम यह हुआ की स्वीकृत पदों से अधिक उपसंचालक हो गए है। पदोन्नति में गड़बड़ी और करीबियों को लाभ पहुंचाने के आरोप उच्चाधिकारियों पर लगे थे, उसके बाद भी पदोन्नति आदेश जारी किया गया था। अब चौबे को पद देने सुनील शर्मा को डिमोट करना होगा। अगर व्यवस्था दुरुस्त नहीं होती तो भविष्य में वित्त विभाग सवाल जवाब विभाग प्रमुख से कर सकता है।
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