“स्वतंत्र बोल”
रायपुर 06 जून 2023. इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं पर सीएजी ने रिपोर्ट मांगा है। विश्वविद्यालय में बीते दस वर्षो में करोडो रुपये की आर्थिक अनियमितता बरती गई, मनमाफिक नियुक्तियां की गई। वर्तमान कुलपति भी गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने की बजाये खुद शामिल हो गए, जिसकी शिकायत पीएमओ के साथ भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) तक पहुंची थी। जिस पर सीएजी ने महालेखाकार से रिपोर्ट मांगा है। जिसके बाद विश्वविद्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने महालेखाकार को दस्तावेज उपलब्ध करने समय मांगा था, पर अब तक उपलब्ध नहीं कराया है।
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इन बिंदुओं की शिकायत-
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय में नियमो की खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई गई, जिन पर विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़ा रोकने की जिम्मेदारी थी वही फर्जीवाड़ा में शामिल गए थे। शिकायतों के अनुसार वर्तमान कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने पद की गरिमा का ध्यान नहीं रखा और उसी खेल में शामिल हो गए। सीएजी से सात गंभीर बिन्दुओ पर शिकायत पहुंची थी, जिसमे सहायक प्राध्यापकों की नियमो के विपरीत नेट उत्तीर्ण नहीं होने के बाद भी भर्तियां, उनका परिवीक्षा अवधी समाप्त किया गया, बर्खास्तगी के बजाये कर्मियों को पदोन्नत किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्रो में पदस्थ वैज्ञानिको और विषय वस्तु विशेषज्ञो को आईसीएआर के नियमो के विपरीत पदोन्नत किया गया। उन्हें अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया गया। राजेश्वरी साहू की गलत तरीके से नियुक्ति और दामू योजना में वैज्ञानिको की भर्ती की गई जबकि उन्हें संविदा नियुक्ति का प्रावधान है। बिना जमीन आबंटन के निर्माण कार्यो को के लिए कार्यादेश जारी किया गया, आर्थिक अनियमितता, कूटरचना इन बिंदुओं पर सीएजी ने रिपोर्ट मांगा है।
एपीसी ने एरियर्स पर मांगा रिपोर्ट-
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने गड़बड़ी और घोटालो को खुली छूट दे रखी है। एरियर्स घोटाले पर बजाये कार्यवाही के ख़ामोशी की चादर ओढ़ ली। अपने ही आदेशों को कुलपति ने फाइलों में दबा दिया। एरियर्स घोटाले पर कार्यवाही ना होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कुलसचिव और वित्त अधिकारी को पत्र लिख रिपोर्ट मांगा है, जिसके बाद संभवतः बड़ी कार्यवाही हो सकती है। उधर विश्वविद्याल के कुलसचिव ने एपीसी के पत्र की जानकारी से अनभिज्ञता जताया है, जबकि मंत्रालयीन सूत्रों के अनुसार सप्ताह भर पहले कुलसचिव और वित्त अधिकारी को पत्र जारी हुआ है।