स्वतंत्र बोल
रायपुर 14 मार्च 2024. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल ने अब ठिकाना बदल लिया है। शैक्षणिक योग्यता और अनुभव संबंधी फर्जीवाड़े और जालसाजी को छुपाने कांग्रेस सरकार में ततकलीन उच्च शिक्षा मंत्री के यहाँ डेरा जमाये रहने वाले पटेल ने अब बीजेपी सरकार में भी पैठ बना ली है। सत्ता परिवर्तन के साथ ही पटेल का बीजेपी और आरएसएस प्रेम हिलोरे मार रहा है, अपने कृत्यों को छिपाने और कुर्सी सलामत रखने पटेल ने अब बीजेपी और आरएसएस के पदाधिकारियों को साधना शुरू कर दिया है। पहले जहाँ पटेल की सरकारी गाडी देवेंद्र नगर के ऑफिसर कॉलोनी में घूमती थी अब मौलश्री विहार और शंकर नगर में दौड़ती नजर आती है।
विश्वविद्यालयीन सूत्रों के अनुसार सत्ता परिवर्तन के बाद रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में दो बड़े कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसमे आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों को मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था, और मेलजोल बढ़ाने की कोशिश की गई। शैलेन्द्र पटेल के योग्यता और अनुभव संबंधी हुई तीन जाँच में सभी जाँच समितियों ने उसके खिलाफ प्रतिवेदन दिया है, विभाग ने डीई भी प्रारंभ कर दी है। ऐसे में उसका बर्खास्त होना तय है, जिसे रोकने तमाम तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे है।
35 लाख खर्चेने तैयार..
विश्वविद्यालयीन सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सरकार में शैलेन्द्र पटेल तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और उनके मंत्री स्टाफ को पोषित कर अपने खिलाफ होने वाली सभी कार्यवाही रुकवाने में सफल रहा है। पूर्व में मंत्री के ओएसडी रहे शर्मा ने खुलकर पटेल का साथ दिया था, सरकारी खजाने में की गई लूट का उपयोग कुर्सी बचाने में किया गया था। अब सत्ता परिवर्तन के बाद फिर वही तरकीब अपनाई जा रही है, पर चेहरे और ठिकाने बदल गए है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार नए विभागीय मंत्री को साधने और पटेल की कुर्सी सलामत रखने 35 लाख रुपये का बजट रखा गया है, जिसमे कुछ राशि संबंधितो तक पहुंचाई जा चुकी है। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय मे कार्यरत आरएसएस पृष्ठभूमि के एक प्रोफ़ेसर ने लॉबिंग की है। वही प्रोफ़ेसर जिसे सरगुजा विश्वविद्यालय में कुलपति रहते अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामलों में धारा 52 लगाकर हटाया गया था। आरएसएस पृष्ठभूमि के प्रोफ़ेसर और उनकी उनकी चांडाल चौकड़ी पटेल को बचाने पुरजोर कोशिश कर रही है।
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