भर्राशाही: घोटालेबाजो के सरंक्षक को बना दिया ओएसडी, कैसे सुधरेगी व्यवस्था ?

स्वतंत्र बोल
रायपुर 20 नवंबर 2024.  प्रदेश में जिला सहकारी बैंको और छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी (अपैक्स) बैंको की स्थिति ख़राब है। किसानो की सुविधाओं के लिए खोले गए बैंक भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए है, बैंक और सरकारी खजाने को करोडो रुपये का चुना बैंककर्मियों द्वारा लगाया जा रहा, कार्यवाही के नाम पर दोषी कर्मियों पर पुलिस में अपराध भी दर्ज हो रहा, उसके बाद भी सिस्टम में सुधार नहीं हो पा रहा है। दरअसल मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद सहकारिता विभाग को अब तक की सरकारों ने कभी गंभीरता नहीं लिया। सहकारिता के नाम पर भले भर में ही आंदोलन हो गए पर पर छत्तीसगढ़ इन सबसे अछूता रहा, या यूँ कहे की सरकारों की प्राथमिकता में कभी सहकारिता रहा ही नहीं। सहकारिता में गुजरात का अमूल दुग्ध ब्रांड आज पूरे देश में फ़ैल गया पर समूचे छत्तीसगढ़ में सहकारिता में सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार व घोटाले ही दिखते है। एक तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहकारिता से समृद्धि लाने प्रयासरत है, उधर प्रदेश के खटराल अफसरों ने शायद नहीं सुधरने की कसम खा रखी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सहकारिता को सुधारने का जिम्मा सीनियर बीजेपी नेता केदार कश्यप को मंत्री बनाकर दिया है। श्री कश्यप के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है, वे पूर्व की बीजेपी सरकार में भी मंत्री रह चुके है।

के एन कांडे

दो महीना पहले मंत्री के ओएसडी रहे सुनील तिवारी को हटाया गया, तिवारी को हटाने के पीछे गंभीर शिकायते रही। विभागीय सूत्रों के अनुसार वे सहकारिता के मूल उद्देश्यों से भटककर निजी हितो पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे, सीनियर अधिकारियो और मातहतों पर दबाव बनाने और धमकाने-चमकाने की शिकायत बढ़ थी। कहा तो ये भी गया कि तिवारी मंत्री कश्यप को विभागीय जानकारी और घटनाक्रमों से अवगत कराने में लापरवाही कर रहे थे, ऐसे में सचिव और आयुक्त ने मिलकर मंत्री केदार कश्यप से चर्चा की और घंटे भर के भीतर तिवारी को मूल विभाग भेजने का आदेश हो गया। उसके बाद सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक कमलनारायण कांडे को मंत्री का ओएसडी बनाया गया है, वे अपैक्स बैंक के प्रबंध संचालक भी है। कांडे बीते साढ़े त्तीन वर्षो से प्रतिनियुक्ति पर अपैक्स बैंक में प्रबंध संचालक पद पर है। कांग्रेस सरकार में प्रतिनियुक्ति पर अपैक्स बैंक का एमडी बनने वाले कांडे बीजेपी सरकार में विभागीय मंत्री का ओएसडी बनाना महज संयोग है या प्रयोग..? जिन कारणों से सुनील तिवारी को हटाया, उसी कामो की पुनरावृति कांडे भी कर रहे।

 

एस के जोशी

प्रदेश भर के जिला सहकारी बैंको और अपैक्स बैंको में खुलेआम गबन हो रहा,, सरकारी खजाने को संगठित रूप से चूना लगाया जा रहा, जिसके जिम्मेदार अपैक्स बैंक के एमडी केएन कांडे भी है। चासनी भरे शब्दों से डाइबिटीज मरीजों का शुगर बढ़ाने कांडे वही अधिकारी है जिनके सरंक्षण में जिला सहकारी बैंको के सीईओ ने बैंको में लूटपाट मचा हुआ है। जिला सहकारी बैंक दुर्ग के सीईओ रहे सुरेंद्र कुमार जोशी ने पद में रहते कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की, लिखित आवेदन किया.. शिकायत और जाँच में पुष्टि होने पर निलंबित किया गया। जोशी ने सहकारिता विभाग के अधिकारियो को कोर्ट में खड़े कर बहाली करा लिया, कोर्ट ने कहा कि “सस्पेंड करने के पूर्व एमडी अपैक्स बैंक ने उच्चाधिकारियों से अनुमोदन नहीं लिया और एमडी को सस्पेंड करने का अधिकार नहीं है।”

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अपुष्ट जानकारिनुसार जोशी और कांडे के बीच बेहद मधुर संबंध है, कांडे जोशी को सस्पेंड करने के पक्षधर नहीं थे पर सचिव आर प्रसन्ना के निर्देशों पर बिना अनुमोदन के सस्पेंशन आदेश जारी कर दिया और बाद में अनुमोदन नहीं लिया,, इसका लाभ जोशी को मिला। जोशी और कांडे दुर्ग के निवासी है और प्रतिदिन दुर्ग से रायपुर आवाजाही करते है.. ऐसे में निकटता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सुरेंद्र कुमार जोशी को जिला सहकारी बैंक रायपुर में सीईओ रहते फसल बीमा का 118 करोड़ रूपये महीने भर तक दुरुपयोग करने का आरोप था, जाँच में आरोप सही निकला। बैंक ने अपने चार कर्मियों पर कार्यवाही की पर जोशी को जाँच में दोषी होने के बाद अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जोशी पर जगदलपुर में सीईओ रहते करोडो रुपये फर्जी लोन बटाने, दुर्ग में सीईओ रहते प्रत्येक समितियों से 25-25 हजार रुपये वसूलने सहित अनेको आरोप थे, जिनमे अधिकांश प्रमाणित भी हुए पर कांडे ने कार्यवाही नहीं की, उल्टे सरंक्षक बने रहे।

 

जिला सहकारी बैंक दुर्ग के अधिकारी पर सीईओ रहते करोड़ो के गबन और घोटाले की शिकायते हुई। तालपतरी खरीदी में गड़बड़ी, ट्रांसफर-पोस्टिंग में मनमानी लेन-देन, ऋण असंतुलन जैसे 15 गंभीर शिकायतों के बाद भी एमडी कांडे ने निलंबित नहीं किया। उस महिला अधिकारी पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार रविंद्र चौबे के लिए अपने निजी कार में प्रचार सामग्री बैनर, पोस्टर, झंडा भेजते जिला प्रशासन न रंगे हाथो पकड़ा। आचार सहिंता उल्लंघन पर सस्पेंड करने की बजाये कांडे अधिकारी के संकट मोचन बनकर उभरे और अपैक्स बैंक मुख्यालय में अटैच कर दिया। महीने भर बाद अधिकारी को जिला सहकारी बैंक रायपुर का सीईओ बना दिया। यह महज संयोग है कि वह अधिकारी भी दुर्ग से है और प्रतिदिन वही से राजधानी आवाजाही करते है।

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अपैक्स बैंक रायगढ़ बरमकेला शाखा में बैंककर्मियों ने 2 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया, शिकायत पर उन्हें निलंबित किया पर अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुआ है। रायगढ़ जिले के करीब आधा दर्जन शाखाओ में बीते तीन सालो में 55 करोड़ रुपये से अधिक का गड़बड़ी की बाते सामने आई है। पूर्व की कांग्रेस सरकार में गोबर खरीदी में भ्रष्टाचार हुआ, कहा गया कि बिना गोबर ख़रीदे ही 09 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। गबन और घोटालो की फेहरिस्त बड़ी लंबी है जो बीते साढ़े तीन सालो कांडे के एमडी रहते हुआ है। ऐसे अधिकारी को सुशासन की सरकार में संवेदशील मंत्री केदार कश्यप का ओएसडी बनाया गया है।

 

जिला सहकारी बैंक में सीईओ बदले, उधर एमडी अपैक्स बैंक की कुर्सी खतरे में..

 

 

 

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