रायपुर 07 दिसंबर 2022. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पर फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी करने का आरोप लगा है। जानकारी अनुसार संस्कृति जोसेफ का चयन विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर हुआ था, उनकी नियुक्ति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कोटे से हुई थी। आरोपों के अनुसार उनके द्वारा जमा की गई जाति प्रमाण पत्र फेक है, जिसे अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय ने जारी ही नहीं किया है। दस्तावेजों के अनुसार संस्कृति ने अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय जगदलपुर से बने जाति प्रमाण पत्र में स्वयं को “खरिया जाति” का होना बताया है, पर जिस सरल क्रमांक का 2483/ब.121/2000-2001 का प्रमाण पत्र लगाया वह कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ है। आरटीआई से मिले दस्तावेजों से इसकी पुष्टि होती है।
एक ही नंबर का प्रमाण पत्र-

संस्कृति द्वारा जाति सत्यापन संबंधी लगाए गए प्रमाण पत्र भी फेक बताया जा रहा है। जानकारी अनुसार साल 2009 में उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कर्मियों को प्रमाण पत्र जारी किया। संस्कृति को साल 2009 और उसी का डुप्लीकेट साल 2011 में जारी हुआ जिसमे सरल क्रमांक, सर्टिफिकेट क्रमांक सहित अन्य जानकारी भी एक ही है, जो आम तौर पर ऐसा नहीं होता। जाति प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी के चलते ही पदोन्नति से वंचित बताई जाती है। आरोपों पर संस्कृति जोसेफ ने कहा कि

“सभी दस्तावेज सही और प्रमाणित है, अगर एसडीएम कार्यालय में उसकी जानकारी नहीं मिल रही तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है। डुप्लीकेट कॉपी में एक ही जैसे नंबर क्यों और कैसे आये मुझे नहीं पता।”
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