राहुल गोस्वामी @स्वतंत्र बोल
रायपुर, 15 नवंबर 2023. राजधानी की सबसे हॉट सीट दक्षिण विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। बीजेपी से लगातार 7 बार के अभिजीत विधायक बृजमोहन अग्रवाल मैदान में है तो कांग्रेस ने दुधाधारी मठ में मठाधीष महंत रामसुंदर दास पर दांव खेला है। महंत संत है और मठ आम लोगो के आस्था का केंद्र.. ऐसे में दोनों के बीच के बीच कांटे की टक्कर है। 35 वर्षो वर्षो से लगातार जीत का घोडा दौडाने वाले बृजमोहन अग्रवाल को इस बार कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है। पूर्व के चुनावो की अपेक्षा इस बार समीकरण बदला हुआ नजर आता है।
महंत रामसुंदर दास को कांग्रेस ने अंतिम समय में प्रत्याशी बनाया, एक वायरल वीडियो के अनुसार वे खुद रायपुर की बजाये कही दूसरी जगह से चुनाव लड़ने के पक्ष में थे। प्रत्याशी बनने और वोटिंग के बीच बेहद कम दिनों में उन्होंने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। बृजमोहन अग्रवाल बीजेपी के सबसे सीनियर विधायक है, पूर्व में वे दर्जन भर अधिक विभागों के मंत्री भी रहे है।
प्रत्याशी नहीं, चुनाव संचालक टारगेट में-
इस पुरे चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी महंत राम सुन्दरदास पर एक शब्द भी नहीं बोला है। आम तौर पर चुनाव में उम्मीदवार आरोप प्रत्यारोप और व्यतिगत टिप्पणीयां करने से नहीं चूकते ऐसे में दोनों ही प्रत्याशियों ने एक दूसरे पर कोई भी टिप्पणी नहीं की, इसके उलट बृजमोहन अग्रवाल ने महंत के चुनाव संचालक महापौर ऐजाज ढेबर और उनके भाई अनवर ढेबर पर आक्रामक रहे। उन्होंने खुले तौर पर दोनों पर हत्या कराने सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए। श्री अग्रवाल के अनुसार चुनाव प्रचार के दौरान के बैजनाथ पारा वार्ड में उन पर प्राणघातक हमला भी हुआ था। चुनावी प्रेक्षकों के अनुसार बृजमोहन ध्रुवीकरण करने में जुटे है ताकि इसका लाभ उन्हें मिल सके। इसलिए उन्होंने खुले तौर पर “पठान ड्रेस” अन्य शब्दों का उल्लेख किया।
दरअसल रायपुर दक्षिण विधानसभा में हिन्दू और मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में है, ऐसे में हिन्दू वोटरो को अपने पक्ष में करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। उधर कुछ दिनों से बृजमोहन अग्रवाल का मतदाताओं पर झिड़कते और अपशब्दों का प्रयोग करने वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। ऐसे वीडियो को विपक्षी बड़ी तेजी से वायरल करने में जुटी है।
महापौर की प्रतिष्ठा दांव पर-
रायपुर दक्षिण विधानसभा से महापौर एजाज ढेबर भी कांग्रेस से टिकट चाहते थे पर पार्टी ने उनकी जगह महंत रामसुंदर दास को उम्मीदवार बनाया। पार्टी ने एजाज ढेबर को महंत का चुनाव संचालक बनाकर जिताने की जिम्मेदारी दे दी, जिसके बाद से महपौर और उनकी पूरी टीम लगी हुई है। बताते है कि महापौर ढेबर ही चुनावी रणनीति से लेकर डे-शेड्यूल बनाते है। ऐसे में चुनाव में महपौर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है और वे किसी भी तरह चुनाव जीतना चाहते है।
अप्रत्याशित चीजे सामने आ सकती है-
महंत के प्रचार के लिए जांजगीर, पामगढ़, बेमेतरा और अन्य जगहों से समर्थक पहुंचे है, जो दिन रात यही रुककर काम कर रहे है। चुनाव के अंतिम दो दिनों में दोनों ही उम्मीदवारो की कुछ अप्रत्याशित चीजे सामने आ सकती है। दोनों की तरफ इसकी तैयारी बीते सप्ताह भर से से चल रही है।
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