आखिर कहा रुक गई तबादलों की फाइल ?

स्वतंत्र बोल
रायपुर 14 जनवरी 2024.  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को 13 जनवरी को मुख्यमंत्री बने एक महीना पूरा हो गया। महीने भर में सीएम ने चुनावी गारंटियों में तीन प्रमुख गारंटी को पूरा कर लिया है। सोशल मीडिया में सुशासन का सूर्योदय कल ट्रेंड करता रहा। सीएम साय के मुख्यमंत्री बनने के दस दिनों बाद उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने 22 दिसंबर को शपथ लिया। शुरआती एक महीने में सरकार ने फेरबदल को लेकर पूर्व सरकारों की भांति ज्यादा तेजी नहीं दिखाई और सधे अंदाज में काम कर रहे। अभी मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्री आबंटित बंगलो में शिफ्ट नहीं हुए है। सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारो में आमूल चूक परिवर्तन की उम्मीदें है। प्रशासनिक अफसरों के तबादलों पर अचानक ब्रेक लगने से चर्चाये शुरू हो गई है, आखिर एक लिस्ट के बाद बाकी तबादला लिस्ट क्यों और कहा रुक गई ?
दरअसल साय सरकार ने 3 जनवरी को आईएएस अफसरों के जंबो तबादला सूची जारी की थी, उसके बाद चर्चाये थी कि आईपीएस और आईएफएस अफसरो की सूची भी बस निकलने वाली है, पर अब तक नहीं निकली है। बताते है कि पहली सूची को देखकर ही बड़े बड़ो का हाल बेहाल हो गया। बड़े बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक छत्रपों को साइड लाइन किया गया तो पूर्व सरकार में नेताओ के करीबी और विश्वाश पात्र अफसरों को भी ठीक ठाक जगहों में पोस्टिंग दी गई। सूत्रों के अनुसार पूरी लिस्ट प्रशासनिक अनुभव रखने वाले मंत्री ने और एक अधिकारी ने बनाया और लिस्ट जारी कर दी। लिस्ट में अपने मित्रो और कभी उनके साथ प्रशासन में सहयोगी रहे अफसरों का ध्यान रखा गया और वही चूक हो गई, जिसके बाद अब संशोधन का दौर जारी है। उधर पहली लिस्ट से उभरे असंतोष का असर आईपीएस और आईएफएस की सूची पर पड़ा है। सुनते है कि सब कुछ फाइनल होने के बाद उसे होल्ड कर दिया गया, उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो अब जारी होने वाली सूची को अनेक तरह की फ़िल्टर प्लांट से गुजरना होगा। उधर पहली ही सूची में हुई चूक का असर नए मंत्री और सीनियर अफसर पर हो सकता है। इस मामले पर दिल्ली दरबार द्वारा रिपोर्ट मांगने की चर्चाये है।

 

जब “वेकेंसी” बन जाए नोट छापने की मशीन: गलत का चयन कर सही की उम्मीद आखिर क्यों ?

error: Content is protected !!