उद्यानिकी में 27 करोड़ का खेल: सप्लायरों ने दिल्ली जाकर लाया पैसा, तबादले के एक दिन पहले अफसर ने जारी कर दिया वर्कऑर्डर

स्वतंत्र बोल
रायपुर 25 मार्च 2024.  उद्यानिकी विभाग में बड़ा खेल हो गया है। सप्लायरों और संचालक उद्यानिकी ने मिलकर करोडो का वारा न्यारा कर दिया, खुलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। उद्यानिकी विभाग में आचार सहिंता प्रभावशील होने के तीन पहले तत्कालीन संचालक ने 27 करोड़ का काम जारी कर दिया। 2006 बैच के आईएफएस अफसर व्ही. माथेश्वरन उद्यानिकी विभाग में प्रतिनियुक्ति पर संचालक रहे, उन्होंने आचार सहिंता लागू तबादले के दो दिन पूर्व ही तीन नामचीन सप्लायरों को 27 करोड़ का काम जारी कर दिया।

संचालक व्ही माथेश्वरन और मंत्री रामविचार नेताम

बताते है कि सप्लायरों और संचालक सहित अफसरो की टीम खुद राशि स्वीकृत कराने दिल्ली स्थित कृषि विभाग भारत सरकार के कार्यालय पहुंची थी, और 27 करोड़ रुपये आनन फानन में स्वीकृत करा लिए। जैसे ही राशि की स्वीकृति मिली संचालक रहे माथेश्वरन ने उन्ही तीनो सप्लायरों को 9-9 करोड़ का काम तीनो को बाँट दिया। इस पूरी प्रक्रिया में टेंडर सहित अन्य नियमो का पालन नहीं किया गया और अफसर ने अपने परिचित सप्लायरों को काम मनमाफिक बाँट दिया।

घटिया मटेरियल और चायनीज सामान की शिकायत-


संचालक ने 27 करोड़ रुपये के काम को 9-9 करोड़ का रुपये तीन हिस्सों में बाँट तीन फर्मो को जारी किया, जिसमे एक कंपनी को शेड हाउस निर्माण और पावर बीडर सप्लाई का जिम्मा दिया तो दूसरी कंपनी को सब्जी बीज और तीसरी फर्म को पेस्टीसाइड की सप्लाई का वर्कऑर्डर दिया गया। जिस कंपनी को शेड नेट निर्माण और पावर बीडर की सप्लाइ का काम दिया गया वह चायनीज मेटेरियल सप्लाई करती है। पूर्व में उसकी शिकायत प्रदेश के अधिकांश जिलों में हो चुकी है। वही सब्जी बीज के सप्लाई का वर्कऑर्डर लेने वाली भोपाल की कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगे और कई दौर की जाँच चल रही है। उसके बाद भी संचालक रहे माथेश्वरन ने इन्ही कंपनियों को काम दिया। आचार सहिंता लागू होने एक दिन पहले 15 मार्च को माथेश्वरन का तबादला भी हो चूका है। इस पूरे प्रकरण में संचालक की भूमिका निष्पक्ष नहीं है।

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